मध्य प्रदेश

राज्यसेवा मुख्य परीक्षा करवाने की जल्दी में पीएससी – अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए नहीं मिल रहे 90 दिन

परीक्षा और परिणामों में लेटलतीफी के लिए बदनाम मप्र लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) अब परीक्षा में जल्दबाजी के लिए निशाने पर है। एमपीपीएससी ने राज्यसेवा पीएससी मुख्य परीक्षा 2023 11 मार्च से करवाने की घोषणा की है। तारीख घोषित होते ही अभ्यर्थियों में असंतोष फैल गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग तैयारी के लिए नियमानुसार न्यूनतम 90 दिन का समय भी नहीं दे रहा। पीएससी की जल्दबाजी के के खिलाफ उम्मीदवारों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
एमपीपीएससी ने राज्यसेवा-2023 में सिर्फ 229 पद घोषित किए हैं। पदों की संख्या का बीते वर्षों में तुलना की जाए तो करीब डेढ़ दशक में इतने कम पद घोषित नहीं हुए। क्योंकि पदों की संख्या कम है इसलिए प्रतिस्पर्धा भी कड़ी हो गई है। प्रारंभिक परीक्षा में भी कटआफ काफी ऊंचा रहा। प्रारंभिक परीक्षा में दो लाख 20 हजार में से सिर्फ 5589 अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा के लिए मुख्य सूची में चयनित किया गया।
प्रावधिक सूचियों को जोड़ दे तो लगभग 5700 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा तक पहुंचने में कामयाब हुए हैं। मुख्य परीक्षा में जो सफल होगा वो अब इंटरव्यू के अंतिम दौर में पहुंचेंगे। ऐसे में अभ्यर्थियों में असंतोष है कि आयोग उन्हें तैयारी का समय नहीं देना चाह रहा। दरअसल राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट 18 जनवरी को घोषित हुआ है। आयोग यदि 11 मार्च को परीक्षा करवाता है तो अभ्यर्थियों के प्रारंभिक परीक्षा के बाद 60 दिन भी तैयारी के लिए नहीं मिल रहे। जबकि एमपीपीएससी हमेशा से दावा करता रहा है कि नियमानुसार प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा के लिए कम से कम 90 दिन या उससे अधिक का समय दिया जाता है।

समय देने की मांग
अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि बीते वर्षों की परीक्षा तो 7-8 महीनों के अंतराल से ली गई थी। इस वर्ष आखिर आयोग को जल्दबाजी क्यों है कि वो समय नहीं देना चाहता। उल्लेखनीय है कि यदि मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया होने से पहले शासन राज्यसेवा में पद बढ़ा देता है तो उन्हें भी जोड़ा जा सकेगा। ऐसे में अभ्यर्थियों को राहत भी मिलेगी। बीते समय अभ्यर्थियों ने आयोग के सामने परीक्षा के लिए समय देने की मांग रखी थी। हालांकि दो दिन पहले हुई आयोग की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई। आयोग के सचिव प्रबल सिपाहा ने परीक्षा की तारीख बढ़ाने की संभावना से इनकार कर दिया। इससे अभ्यर्थी गुस्साए हैं। अभ्यर्थियों ने ऐलान कर दिया है कि आयोग की मनमानी के खिलाफ अगले सप्ताह से पीएससी मुख्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा। इंटरनेट मीडिया पर अभ्यर्थियों ने धरने के लिए छात्रों को इकट्टा करना और संदेश प्रेषित करना शुरू कर दिया है।

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